what is trading in hindi and stock market trading

What is trading in hindi: ट्रेडिंग क्या है? ट्रेडिंग में सफल कैसे बने, पूरी जानकारी

अगर आप स्टॉक मार्केट में  नये हैं और आपके मन में भी यही सवाल है “what is trading in hindi? ट्रेडिंग क्या है?” तो आप सही ब्लॉग पर आये हैं। इस ब्लॉग में हम ट्रेडिंग के बारे में विस्तार से समझेगें , ट्रेडिंग क्या होती है ? कैसे शुरू करे? ट्रेडिंग (Trading) के क्या फायदे और नुकसान होते है? 

ट्रेडिंग क्या है?(what is trading in hindi?)

स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग(Trading)का सीधा और सरल मतलब है “बाजार में शेयरों (stocks) की खरीद-बिक्री करना।” जब हम किसी कंपनी के शेयर को कम दाम पर खरीदते हैं और कीमतें बढ़ने पर शेयर बेचते है तो इस पूरी प्रक्रिया को ही हम शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कहते हैं।

ट्रेड का मतलब होता है व्यापार। स्टॉक मार्केट मे शेयरों को खरीद और बेच के व्यापार किया जाता है जिससे हमे मुनाफा(Profit) हो सके। जब एक ट्रैडर(निवेशक) शेयर खरीदता है और दूसरा उसी शेयर को बेचता है तब जाके एक ट्रेड पूरा होता है।

स्टॉक मार्केट में ट्रेड (व्यापार) करके हम मुनाफा कमा सकते है। लेकिन किसी भी व्यापार को करने में नुकसान का जोखिम हमेशा बना रहता है , इसलिए ट्रेडिंग को अच्छे से सीखना और समझना बेहद जरूरी है। जिससे हम ट्रेडिंग में नुकसान के जोखिम को कम कर सके और अच्छा मुनाफा कमा सके।

चलिये अब समझते है स्टॉक मार्केट में हम किस तरह से ट्रेडिंग कर मुनाफा कमा सकते है –

ट्रेडिंग के प्रकार (Types of trading in hindi) 

स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग(Trading) को हम दो भागो में बाँट सकते है, एक Short Term Trading मतलब कम अवधि की ट्रेडिंग और दूसरी Long Term Trading मतलब ज्यादा अवधि की ट्रेडिंग। चलिये दोनों को विस्तार से समझते है-

  1. लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग (Long Term Trading) – लॉन्ग टर्म का सीधा मतलब है लंबी अवधि या ज्यादा समय। जब हम किसी शेयर को बहुत लंबे समय के लिए खरीद कर रखते है तो इसे हम Long Term Trading कहते है। इसमे लंबे समय का मतलब है कुछ वर्षो से लेकर कई दशक तक। इसे हम Investing से जानते है।

Long Term Trading या Investing में हम शेयर को कई वर्षो तक अपने पास रखते है और बड़ा मुनाफा होने पर ही बेचते है। ज़्यादातर लोग इसे बड़ी वैल्थ बनाने के लिये अच्छा मानते है, क्योकि इसमे नुकसान होने का जोखिम कम होता है। कम जोखिम ही इसका सबसे बड़ा फायदा है।

Investing उन लोगों के लिए सबसे अच्छा है जो कम जोखिम के साथ शेयर बाज़ार से मुनाफा कमाना चाहते है।

ध्यान देने योग्य बातें

  • Investing में ज्यादा समय तक बने रहने में ही अच्छा मुनाफा हो सकता है।
  • Investing में हमें किसी भी कंपनी के शेयर खरीदने से पहले उस कंपनी के बारे मे अच्छे से जानकारी और विश्लेषण करना बेहद जरूरी है। इसे हम Fundamental Analysis कहते है।
  • ध्यान रहे कि Investing में नुकसान होने का जोखिम कम है पर 100% मुनाफा ही हो ऐसा नहीं कहा जा सकता है। इसलिए अपने जोखिम (Loss) को ध्यान में रखते हुये अच्छे से कंपनी के Fundamentals देख और समझ कर निवेश करना अच्छी रणनीति हो सकती है।

 

  1. शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग (Short Term Trading) – शॉर्ट टर्म का यहाँ मतलब है कम अवधि या समय। जब हम किसी शेयर को कम समय के लिए खरीदते है और कुछ मुनाफा (Profit) होने पर बेच देते है इसे ही हम शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग कहते है। अब कम अवधि 1 मिनट से लेकर कुछ दिन या हफ़्तों या कुछ महीने भी हो सकते है। इन्हे इस तरह से अलग अलग किया गया है-

 

  • Scalping Trading- सबसे कम समय और सबसे ज्यादा जोखिम वाली ट्रेडिंग Scalping ही है। इस ट्रेडिंग में हम शेयर को कम समय में ही खरीदते हैं और छोटे मुनाफे में बेच देते है। इसमें कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनटों तक का समय लगता है। आमतौर पर scalping 1 मिनट से लेकर 5 मिनट के भीतर ट्रेड पूरी की जा सकती है। इसमे हमे ज्यादा समय तक ट्रेड में बने नही रहना होता है। इस समय अंतराल के बीच में ही हमें मुनाफा या नुकसान लेकर मार्केट से बाहर आना होता है।

फायदे – Scalping Trading करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि हमें कम समय में मुनाफा हो जाता है। इसमे छोटे मुनाफे और छोटे नुकसान करने होते है। इसके लिए हमे कोई Fundamental Analysis की अवश्यकता नहीं होती है।

लेकिन कुछ हद तक Technical Analysis सीखना अच्छा हो सकता है। एक अपनी Strategy (रणनीति) बना कर और प्रैक्टिस करके अच्छा मुनाफा बनाया जा सकता है।

नुकसान की बात करें तो इसके लिए हमें बहुत जल्दी जल्दी निर्णय लेने होते हैं यदि निर्णय लेने में देरी होती है तो हमें नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। मुनाफा छोटा-छोटा होने की वजह से हमें एक से अधिक बार ट्रेड करने पड़ते है। जो हमारे ब्रोकर के चार्जेज को ज्यादा कर देता है।

ध्यान देने योग्य बातें

  • कम समय होने की वजह से इसमे नुकसान होने का जोखिम सबसे अधिक होता हो सकता है।
  • तेजी से निर्णय लेने होते है जिसमे मानसिक तौर पर दबाव बना रहता है।
  • कई सारे ट्रेड लेने से ओवेरट्रेडिंग आम समस्या हो जाती है और ब्रोकर और टैक्स भी ज्यादा देने होते है।
  • Scalping Trading में सही Strategy (रणनीती ) होना जरूरी है।
  • यह ट्रेडिंग सभी के लिए नहीं है। सही निर्णय लेने मे तेज होना जरूरी है।

 

इन सभी बातों को ध्यान में रखकर हम एक सही रणनीती और अभ्यास के साथ Scalping Trading में कामयाब हो सकते है और अच्छा मुनाफा बनाया जा सकता है।

Intraday Trading या Day Trading – आज के समय में नए लोगों के बीच सबसे ज्यादा प्रचलित यही ट्रेडिंग है। यह ट्रेडिंग भी Short Term Trading का ही हिस्सा है। जैसा नाम से ही पता चल रहा की यह एक दिन के समय अंतराल में की जाने वाली ट्रेडिंग है।

इसमे हम किसी भी शेयर को बाज़ार खुलने के समय से लेकर बाज़ार बंद होने के समय के बीच में ट्रेड करके मुनाफा कमाने की कोशिश करते हैं। भारतीय बाज़ार 9:15 सुबह से लेकर 3:30 तक खुला रहता है। इसी भी में हमें ट्रेड करना होता है। यह जरूरी नहीं है कि हमे पूरे दिन ट्रेड में बने रहना है , हमे अपनी ट्रेड को सही मुनाफा मिलते ही ट्रेड को बंद कर सकते है।

फ़ायदे इस ट्रेडिंग में समय Scalping Trading से ज्यादा होता है जिससे निर्णय लेने में आसानी हो सकती है। नुकसान का जोखिम भी Scalping से कम रहता है। इसमे हम कम ट्रेड लेते है जिससे ओवेरट्रेडिंग से थोड़ा बचा जा सकता है और कम ट्रेड का मतलब कम चार्जेज़ भी।

नुकसान- भले ही इसमें ज्यादा समय हो लेकिन नुकसान का जोखिम इसमें भी अधिक ही रहता है। इसमें हम थोड़े बड़े मुनाफे को देखते है जिसमें नुकसान भी Scalping Trading से ज्यादा बड़े हो सकते है। इसमे स्क्रीन टाइम ज्यादा देना होता है। Business Standard न्यूज़ वैबसाइट में छपी SEBI की एक रिपोर्ट की माने तो लगभग 90% से भी ज्यादा ट्रेडर्स स्टॉक मार्केट में पैसा गवाते हैं जो की ज़्यादातर Intraday Trading करते है। 

ध्यान देने योग्य बातें

  • सटीक ट्रेंड का अनुमान होना बेहद जरूरी है। हमें यह पता होना चाहिए की स्टॉक का ट्रेंड किस दिशा में है जिससे उसी दिशा में ट्रेड लिया जाए।
  • ट्रेंड को समझने के लिए Technical Analysis का ज्ञान(Knowledge) होना सबसे ज़रूरी है। इसके बिना सही दिशा में ट्रेड लेना बेहद मुश्किल।
  • इसमें हम थोड़े बड़े प्रॉफ़िट को देखते है तो नुकसान भी बड़े होने का जोखिम होता है।
  • Risk-Reward Ratio का मतलब है अपने Loss और Profit का अच्छे से पता होना। यदि हम 1 रुपए का नुकसान का जोखिम ले रहे है तो कम से कम 2 रुपए का मुनाफा होना चाहिए।

अच्छे Technical Analysis की समझ और Risk-Reward की सटीक रणनीति बनाकर अगर Intraday Trading की जाए तो शेयर बाज़ार से मुनाफा कमाना संभव हो सकता है।

 

Swing Trading- स्विंग ट्रेडिंग भी काफी लोकप्रिय है ये सबसे बेहतर उनके लिए है जो कम जोखिम लेना चाहते है पर Long Term Trading नहीं करना चाहते। Swing Trading एक Positional Trade होती है जिसमे समय अवधि की सीमा कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ़्तों या महीनो तक हो सकती है।

जैसा की नाम से ही पता चलता है कि इसमे एक स्विंग को ट्रेड करने की कोशिश की जाती है। इसके लिए भी हमें Technical Analysis की समझ होना जरूरी है जिससे हम सही ट्रेंड और Risk-reward का आंकलन कर सके।

फ़ायदे – Swing Trading नुकसान का जोखिम थोड़ा कम होता है, समय होने की वजह से हमे निर्णय लेने और ट्रेड को Manage करने में आसानी होती है। इसमे हमें पूरे टाइम स्क्रीन के सामने नहीं रहना होता है। दूसरे काम या जॉब करते हुये भी ट्रेड को Manage जा सकता है।

नुकसान – Swing Trading में हम शेयर को कुछ ज्यादा समय तक अपने पास सकते है जिससे Over-night जोखिम बना रहता है। कोई भी बुरा इवैंट या न्यूज़ मार्केट के सेंटिमेंट को खराब कर सकता है जिससे शेयर प्राइस में  उतार चड़ाव देखने को मिल सकते है।

ध्यान देने योग्य बातें-

  • Swing Trading वैसे तो कम जोखिम वाली ट्रेडिंग है पर Over-Night जोखिमों जैसे कोई खराब न्यूज़ या कोई इवैंट को जरूर ध्यान में रखना चाहिए
  • इसमें भी Technical Analysis की समझ होना बेहद जरूरी है, तभी हम सही और बड़ा स्विंग ट्रेंड पकड़ सकते है।

 Also read: What is Swing Trading in Hindi | स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है स्विंग ट्रेडिंग कैसे करें?

ट्रेडिंग या इन्वेस्टिंग ( Trading Vs Investing ) 

स्टॉक मार्केट(Stock market) में हमारा एक ही लक्ष्य होता है वो है की प्रॉफ़िट कमाना। जिसके लिए कुछ लोग ट्रेडिंग(Trading)करते है तो कुछ इन्वेस्टिंग। Trading का यहा सीधा मतलब शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग से है। चलिये समझते है कि ट्रेडिंग या फिर इन्वेस्टिंग, दोनों में क्या अंतर है?

  • टाइम: सबसे बड़ा अंतर है टाइम का। जहां एक ट्रैडर, कुछ सेकेंड से लेकर कुछ दिन तक के लिए ट्रेडिंग करते हैं, वही एक इन्वेस्टर लंबे समय तक के लिए निवेश करता है। कुछ सालों से लेकर दस-पंद्रह साल या इससे भी ज्यादा टाइम तक भी निवेश करके रखते हैं।
  • लक्ष्य: वैसे तो दोनों का लक्ष्य प्रॉफ़िट कमाना होता ही है, लेकिन एक ट्रैडर का लक्ष्य होता है कम समय मे प्रॉफ़िट कमाना होता है तो दूसरी ओर एक इन्वेस्टर का लक्ष्य वैल्थ बनाने या रिटायरमेंट प्लान इस तरह का होता है। जिसके लिए वो सालों या दशकों तक निवेश पर बने रहते है।
  • रिस्क: स्टॉक मार्केट में वेसे तो रिस्क हमेशा बना रहता है, लेकिन ट्रेडिंग मे ज्यादा रिस्क होता है। एक ट्रैडर में ज्यादा रिस्क लेने की क्षमता होती है। वहीं इनेस्टिंग में ट्रेडिंग की तुलना में कम रिस्क होता है। जिससे एक इन्वेस्टर लंबे समय तक मार्केट में बना रहता है।
  • एनालिसिस: एक इनवेस्टर ज़्यादातर फंडामैंटल एनालिसिस और लॉन्ग टर्म ट्रेंड को देख कर इन्वेस्ट करना पसंद करता है। लेकिन ट्रेडिंग में एक ट्रैडर को जल्दी जल्दी डिसिज़न लेने होते है, वो शॉर्ट टर्म ट्रेंड को देखता है जिसके लिए ट्रैडर टेक्निकल एनालिसिस को ज्यादा महत्व देते है।
  • मॉनिटरिंग: यहाँ पर एक इन्वेस्टर को इनवोलमेंट कम होता है, एक इन्वेस्टर को पूरे टाइम स्क्रीन के आगे बैठ कर अपनी इनवेस्टमेंट को मोनिटर नहीं करना होता है , लेकिंग एक ट्रैडर को टाइम तो टाइम मॉनिटर करते रहना होता है, जो कभी कभी तनाव का कारण भी बन जाता है।

मुख्य तथ्य:

  • ट्रेडिंग से जल्दी प्रॉफ़िट तो संभव है, लेकिन जोखिम भी ज्यादा होता है।
  • इन्वेस्टिंग में ज्यादा टाइम की वजह से कंपाउंडिंग का लाभ मिलता है। जिससे लॉन्ग टर्म में पैसा बढ़ता है।
  • एक सफल ट्रेडर बनने के लिए टेक्निकल चार्ट्स और इंडिकेटर्स को सीखना और समझना जरूरी है।
  • निवेशक के लिए बिजनेस फंडामेंटल्स और लंबी अवधि के ट्रेंड और रणनीति को समझना जरूरी होता है।
आपके लिए कौन सा बेहतर है?

आपके लिए क्या बेहतर हो सकता है Trading या Investing इसका सीधा जवाब आपके रिस्क लेने की क्षमता पर है अगर आपको जोखिम और बाजार की चाल समझने को समझते है तो आप ट्रेडिंग कर सकते हैं। लेकिन अगर आप कम रिस्क लेना चाहते है और बिना किसी ज्यड़ा टेंशन के लॉन्ग टर्म में पैसे बढ़ाना चाहते हैं, तो आप इन्वेस्टिंग एक कर सकते है।

दोनों में सफलता हासिल की जा सकती है बस जरूरी है की आप सीखने में कितना ज़ोर लगाते है।

 

ट्रेडिंग की शुरुआत कैसे करनी चाहिए(How to Start Trading)

जब भी एक नया ट्रेडर मार्केट में आता है तो वे जल्दी से जल्दी प्रॉफ़िट कमाना चाहते है उन्हे रातों रात करोड़पति बनाना होता है जो कि बिलकुल ही सही माइंडसेट नहीं होता है।

स्टॉक मार्केट में वही प्रॉफ़िट कमा पता है जो लंबे टाइम तक बना रहे। इसके लिए आपका फोकस सीखने और समझने में होना चाहिए।

शुरुआत में Trading हमेशा कम कैपिटल से करनी चाहिए जिसको सिर्फ सीखने के लिहाज से देखना चाहिए। छोटे प्रॉफ़िट छोटे लॉस से अपने कॉन्फ़िडेंस को बढ़ाए फिर अनुभव के साथ अपना कैपिटल बढ़ाए।

निष्कर्ष(Conclusion of What is trading in hindi)

स्टॉक मार्केट में मुनाफा कमाना मुमकिन है यदि आप अच्छे से समझ जाते है की स्टॉक मार्केट क्या है? ट्रेडिंग हो या इन्वेस्टिंग दोनों में ही अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। दोनों के अपने फायदे और नुकसान है। लेकिग दोनों को सही तरीके से किया जाए तो हम स्टॉक मार्केट मे एक सफल ट्रैडर और इन्वेस्टर बन सकते है।

उम्मीद है आपको ये जानकारी पसंद आयी हो। अगर कोई सुझाव हो तो हमे कमेंट कर जरूर बताएं।

 

“Disclaimer: स्टॉक मार्केट में निवेश और ट्रेडिंग में जोखिम होता है, और इसमें पैसे का नुकसान भी हो सकता है। यह जानकारी सिर्फ सीखने उद्देश्य (Education Purpose Only) के लिए दी जा रही है, इसे निवेश की सलाह न समझें। कोई भी निर्णय लेने से पहले अच्छी तरह से रिसर्च करें या अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।”

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