Fundamental Analysis in hindi, a complete guide to learn fundamental analysis in stock market

Learn Fundamental Analysis in Hindi | फंडामेंटल एनालिसिस क्या है

स्टॉक मार्केट में सही जानकारी का बहुत ज्यादा महत्व होता है।किसी भी कंपनी में इन्वेस्ट करना हो तो फंडामेंटल एनालिसिस(Fundamental analysis in hindi) हमारे लिए एक महत्वपूर्ण तरीका हो सकता है जिससे हम यह जान सके कि जिस स्टॉक में हम Invest करने वाले है वो कंपनी अच्छी है, या जिस प्राइस पर स्टॉक अभी मिल रहा है क्या वह सही प्राइस होगा?

इस ब्लॉग पोस्ट में हम विस्तार से जानेंगे कि फंडामेंटल एनालिसिस क्या है, इसे कैसे करें, क्यों यह महत्वपूर्ण है, टेक्निकल एनालिसिस (Technical Analysis) से इसका क्या अंतर है, साथ ही साथ इसके फायदे, नुकसान क्या हैं?

फंडामेंटल एनालिसिस क्या है?(What is Fundamental Analysis in Hindi)

फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental Analysis) एक ऐसा तरीका है जिससे हम किसी कंपनी या स्टॉक की ताकत, कमजोरियाँ, संभावनाएँ और जोखिमों का एनालिसिस करते हैं। इसमें कंपनी के वित्तीय आँकड़ों, प्रबंधन, कंपनी के बिज़नस , आर्थिक परिस्थितियों और बाजार का ट्रेंड्स का एनालिसिस शामिल होता है।

सरल भाषा में कहें तो फंडामेंटल एनालिसिस का उद्देश्य यह समझना होता है कि किसी कंपनी का “असली मूल्य (Intrinsic Value)” क्या है। जिससे हम उस कंपनी की सही वैल्यू जानकार इन्वेस्ट कर सके। 

फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करते है(How to do Fundamental Analysis in Hindi)

fundamental Analysis in hindi
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जब हमें किसी कंपनी में लॉन्ग टर्म के लिए Invest करना होता है तो हमे फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental Analysis) भविष्य की ग्रोथ का अनुमान लगाने में मदद करता है। लॉन्ग टर्म इन्वेस्टिंग में हम 5-10 साल  या फिर इससे भी अधिक सालों के लिए Invest करते है , तो समय और पैसे का नुकसान न हो इसके लिए सही कंपनी का चयन करना बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है।

चलिये समझते है कि किसी कंपनी के फंडामेंटल एनालिसिस करने के लिए हमे क्या-क्या देखना जरूरी होता है –

फाइनेंशियल स्टेटमेंट (Financial Statement)

फाइनेंशियल स्टेटमेंट , पहली जानकारी जो हमें किसी कंपनी के फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental Analysis) करते समय देखना चाहिए। फाइनेंशियल स्टेटमेंट में हमें कंपनी की बैलेंस शीट, प्रॉफ़िट-लॉस और कैश फ़्लो स्टेटमेंट को देखना होता है।

  • बैलेंस शीट(Balance Sheet)- इसमें हम कंपनी की संपत्तियाँ, देनदारियाँ और शेयरहोल्डर इक्विटी को देखते है।
  • प्रॉफ़िट-लॉस स्टेटमेंट- हमें यह जानना भी जरूरी होता है की कंपनी Profit कमा भी रही है कि नहीं। इसके लिए हमें कंपनी के प्रॉफ़िट-लॉस स्टेटमेंट को देखना होता है। जिसमें कंपनी के Profit & Loss का पता चलता है।
  • कैश फ़्लो स्टेटमेंट – यह हमें कंपनी के नकदी (आने और जाने वाले पैसे) के बारे में बताता है। कैश फ्लो स्टेटमेंट से यह जानकारी मिलती है कि कंपनी पैसे का कहाँ और कैसे उपयोग कर रही है।

बिज़नस एनालिसिस 

कंपनी के बारे में जानने का मतलब कंपनी के काम को जानना । कंपनी कौन से बिज़नस में है। किस सैक्टर की कंपनी है, और पूरे सेक्टर में इस कंपनी की ग्रोथ क्या है, भविष्य की क्या संभावनाएँ हो सकती है। ये सभी एनालिसिस करना जरूरी होता है। साथ ही कंपनी के ग्राहको के बारे में और कंपनी के कंपीटीटर्स कंपनियों का भी एनालिसिस करना चाहिए। 

मेनेजमेंट (Management)

कंपनी के Fundamental Analysis करते समय हमें कंपनी के मेनेजमेंट को भी देखना जरूरी होता है, कि कंपनी के मैनेजमेंट में कौन-कौन हैं । कंपनी के सीईओ, सीएफओ की विशेषज्ञता, उनके पिछले प्रदर्शन और उनकी रणनीति का एनालिसिस करना ।

कंपनी की भविष्य की योजनाओं, निवेश के क्षेत्रों और विस्तार की योजनाओं को समझना जिससे यह अंदाज़ा लगाया जा सके है कि कंपनी भविष्य मे कैसी ग्रोथ कर सकती है।

फ़ाइनेंसियल रैशियो (Financial Ratios)

  • P/E Ratio (Price-to-Earnings): यह अनुपात शेयर की कीमत और प्रति शेयर आय का अनुपात होता है। अक्सर किसी कंपनी का कम P/E Ratio बेहतर माना जाता है। PE Ratio कम होता है तो स्टॉक सस्ता तो वहीं PE Ratio ज्यादा होता है तो उस स्टॉक को महंगा समझा जाता है।
  • Debt-to-Equity Ratio: यह अनुपात कंपनी का कर्ज और शेयरहोल्डर्स की इक्विटी के अनुपात को बताता है। यह अनुपात 1 से कम होना अच्छा समझा जाता है।
  • ROE (Return on Equity): ROE हमें यह बताता है कि कंपनी अपने शेयरहोल्डर्स के निवेश पर का कितना रिटर्न कर रही है।

 

फंडामेंटल एनालिसिस बनाम तकनीकी विश्लेषण (Fundamental Analysis vs Technical Analysis)

जब हम स्टॉक मार्केट के एनालिसिस की बात करते हैं, तो हम दो प्रमुख तरीके से करते है:  फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental Analysis)  और टेक्निकल एनालिसिस (Technical Analysis)। दोनों ही तरीको से हम किसी भी स्टॉक का सही एनालिसिस कर सकते है। चलिये दोनों में क्या अंतर है ये समझते है –

फंडामेंटल एनालिसिस टेक्निकल एनालिसिस
मुख्य ध्यान कंपनी के वित्तीय आँकड़ों, प्रबंधन, उद्योग, और आर्थिक संकेतकों का एनालिसिस स्टॉक के प्राइस मूवमेंट्स, चार्ट पैटर्न, और ट्रेडिंग वॉल्यूम का एनालिसिस
निवेश अवधि  लॉन्ग टर्म निवेश (Long-term Investment) शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग (Short-term Trading)
उद्देश्य कंपनी का असली मूल्य (Intrinsic Value) जानना और उसके आधार पर निवेश निर्णय लेना स्टॉक के प्राइस ट्रेंड, पैटर्न, और तकनीकी संकेतकों के आधार पर ट्रेडिंग करना
उपकरण और डेटा बैलेंस शीट, इनकम स्टेटमेंट, कैश फ्लो स्टेटमेंट, उद्योग रिपोर्ट और आर्थिक डेटा स्टॉक चार्ट, मूविंग एवरेज, RSI, MACD, बोलिंजर बैंड्स, और अन्य टेक्निकल इंडिकेटर्स
विश्लेषण की प्रकृति गहराई और विस्तार से एनालिसिस करना अभी के  प्राइस मूवमेंट ,  पैटर्न और ट्रेडिंग वॉल्यूम पर आधारित एनालिसिस करना
रिस्क प्रबंधन कंपनी के वित्तीय स्टेटमेंट, मेनेंजमेंट और बिजनेस  के आधार पर जोखिम का आकलन प्राइस चार्ट और तकनीकी संकेतकों के आधार पर रिस्क मैनेजमेंट
उदाहरण कंपनी की वित्तीय रिपोर्ट, बिजनेस एनालिसिस, और आर्थिक परिस्थितियों का देखना स्टॉक चार्ट पर ट्रेंड लाइन, पैटर्न , और टेक्निकल इंडिकेटर का उपयोग करके ट्रेडिंग निर्णय लेना

इस टेबल के माध्यम से हम आसानी से समझ सकते हैं कि फंडामेंटल एनालिसिस और टेक्निकल एनालिसिस के बीच क्या अंतर है। शॉर्ट में समझे तो Fundamental Analysis लॉन्ग टर्म निवेश, कंपनी की  स्थिति पर आधारित तो वहीं टेक्निकल एनालिसिस: शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग, चार्ट पैटर्न और प्राइस मूवमेंट्स पर आधारित होती है। 

 

फंडामेंटल एनालिसिस के फायदे (Benefits of Fundamental Analysis in Hindi)

एक बेहतर इन्वेस्टिंग लक्ष्य के लिए हमें इन्वेस्ट करने के लिए एनालिसिस करना जरूरी होता है वो चाहे फंडामैंटल एनालिसिस हो या टेक्निकल एनालिसिस। दोनों के ही अपने अपने फायदे हैं। चलिये यहाँ फंडामैंटल के क्या फायदे है ये जान लेते हैं। 

लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट के लिए महत्वपूर्ण: Fundamental Analysis का सबसे ज्यादा फ़ायदा लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट में होता है क्योंकि यह कंपनी के सभी छोटे बड़े पहलू पर अच्छे से सामने रखता है।। यदि हम एक कंपनी के असली मूल्य को समझ पाते हैं, तो हम इनवेस्ट के लिए सही से  निर्णय ले सकते हैं।

रिस्क मैनेजमेंट: कंपनी के वित्तीय स्थिति, उसके मेनेजमेंट और बिज़नेस का सही एनालिसिस करके  हम  होने वाले रिस्क को समझ हैं। इससे हम ऐसे स्टॉक्स से बच सकते हैं जिनमें रिस्क अधिक हो सकता है।

अच्छे निवेश के अवसर: जब कोई स्टॉक उसके असली मूल्य से कम पर ट्रेड हो रहा हो, तो वह इनवेस्ट करने  के लिए एक सही मौका होता है। फंडामेंटल एनालिसिस से ऐसे अवसरों की पहचान करना आसान हो जाता है।।

फंडामेंटल एनालिसिस के नुकसान (Disadvantage of Fundamental Analysis in Hindi)

देखा जाए तो किसी भी एनालिसिस के फायदे ही होते है। लेकिन फंडामैंटल एनालिसिस के कुछ पहलू है जिन्हें हम इसके नुकसान कह सकते है।

समय और प्रयास :
Fundamental Analysis एक गहराई और विस्तार से करने वाली प्रक्रिया है, जिसे करने में काफी समय और मेहनत लग सकती है। हर कंपनी का डेटा इकट्ठा करना और उसका एनालिसिस करना बहुत टाइम ले सकता है।

सटीक भविष्यवाणी की कमी:
हम चाहे कोई भी एनालिसिस करे हमेशा याद रहे की वो 100% सही ही हो ऐसा नहीं हो सकता है । भले ही हमने कंपनी के सभी मौलिक पहलुओं का एनालिसिस कर लिया हो, फिर भी  बाहरी आर्थिक और राजनीतिक कारक या कोई अन्य न्यूज़ कभी-कभी हमारे  एनालिसिस को प्रभावित कर सकते हैं।

संभावित डेटा में त्रुटियाँ:
अगर कंपनी का डेटा गलत हुआ , या जहां से  हमने कंपनी का डेटा लिया है वह सही जानकारी नहीं दी गयी हो , तो हमारा एनालिसिस गलत हो सकता है। इसीलिए सही डेटा का और सही सोर्स से डाटा लेकर ही Fundamental Analysis करना चाहिए। जैसे NSE या BSE  या फिर कंपनी की आधिकारिक वैबसाइट ही सही डेटा सोर्स होते है। 

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निष्कर्ष (Conclusion of Fundamental Analysis in Hindi)

फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental Analysis) एक बेहतरीन तकनीक है जिससे किसी स्टॉक की सटीक और सही जानकारी हासिल की जा सकती है जिससे Long Term Investing में स्टॉक मार्केट से अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। यह न केवल कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन का एनालिसिस करता है, साथ ही कंपनी के बिज़नेस, आर्थिक परिस्थितियों और मैनेजमेंट की रणनीति को भी ध्यान में रखता है। 

स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले Fundamental Analysis करना बहुत ज्यादा जरूरी हो जाता है। हमें लॉन्ग टर्म में निवेश से मुनाफा कमाना हो तो स्टॉक के बारे में सम्पूर्ण जानकारी और भविष्य की ग्रोथ की संभावनाओं को पहले से ही जान लेना फायदेमंद साबित होता है। जिसके लिए फंडामैंटल एनालिसिस एक बेहतर तरीका हो सकता है। 

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“Disclaimer: स्टॉक मार्केट में निवेश और ट्रेडिंग में जोखिम होता है, और इसमें पैसे का नुकसान भी हो सकता है। यह जानकारी सिर्फ सीखने उद्देश्य (Education Purpose Only) के लिए दी जा रही है, इसे निवेश की सलाह न समझें। कोई भी निर्णय लेने से पहले अच्छी तरह से रिसर्च करें या अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।”

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